हरियाणा के कैथल में एक फर्जी पुलिस अधिकारी पकड़ा गया है। सीआईए ने पकड़ा फर्जी अफसर आरोपी फर्जी पुलिस अधिकारी बताकर हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के उद्योगपतियों से रंगदारी वसूल करता था।
फर्जी police अधिकारियों से सावधान,Punjab, Haryana के उद्योगपतियों से करता था वसूली, पूरा गैंग एक्टिव
छह साल से फर्जी सब-इंस्पेक्टर बनकर लोगों को ठगने वाले युवक विक्रम उर्फ विक्की को सीआईए-1 पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जांच के दौरान उनके वाहन से एक बटन वाला चाकू, 12 बोर के चार जिंदा कारतूस बरामद हुए। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे चार दिन के रिमांड पर लिया गया है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि साल 2016 में इस युवक ने फर्जी पुलिस की पूरी टीम खड़ी की थी और खुद को एसटीएफ को बताकर कारोबारियों और लोगों को ठग रहा है. नोटबंदी के दौरान वह हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में छापेमारी करता था। वह पुरानी करेंसी जमा करता था जिससे वह मिलता था। इस युवक के खिलाफ पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
यह जानकारी मिली
सीआईए-1 प्रभारी एसआई बीरभान ने बताया कि गुरुवार शाम को सीआईए-1 पुलिस के एएसआई राजबीर सिंह की टीम कुरुक्षेत्र बाईपास चौक पर गश्त के दौरान मौजूद रही. जहां पुलिस को सूचना मिली कि हरियाणा पुलिस सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहने एक्सयूवी-300 वाहन में एक लड़का सेक्टरों की ओर जाने वाली सड़क पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ऑफिस के पास है. उसके पास हरियाणा पुलिस के फर्जी पहचान पत्र हैं। अगर तुरंत छापेमारी की जाए तो उस फर्जी पुलिसकर्मी पर काबू पाया जा सकता है. मौके के नजदीक होने के कारण पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई।
जींद का रहने वाला है आरोपित
वहां जींद जिले के सिंसार गांव निवासी विक्रम उर्फ विक्की उपनिरीक्षक की वर्दी पहने वाहन में बैठा था. पुलिस ने वाहन को कब्जे में लेकर गहन छानबीन की। उसके पास से एक बटन वाला चाकू और 12 बोर के चार जिंदा कारतूस मिले हैं। उसे सीआईए-1 से मौके पर पहुंचे एएसआई वीरेंद्र सिंह ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने वाहन से बरामद वर्दी, बेल्ट, लाल जूते और नेम प्लेट समेत अन्य सामान को अपने कब्जे में ले लिया है।
पूरा रैकेट काम कर रहा है
एसआई बीरभान ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी विक्रम ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर हरियाणा पुलिस का आई-कार्ड बनाकर वर्ष 2016 से पुलिस पार्टी बनाई थी. नोटबंदी की आड़ में हरियाणा व अन्य राज्यों में जाकर एसटीएफ की टीम को बताकर लोगों पर दबाव बनाकर रंगदारी वसूलने का काम कर रहे थे. उक्त शुक्रवार को आरोपी विक्रम को न्यायालय में पेश किया गया। मामले की तह तक जाने, उसके अन्य साथियों का पता लगाने आदि के लिए आरोपी का चार दिन का पुलिस रिमांड कोर्ट से लिया गया है।