भिवानी : 100 करोड़ की विवादित जमीन पर तहसीलदार ने खेला एक करोड़ का खेल
भिवानी। भिवानी के निवर्तमान तहसीलदार रविंद्र मलिक ने 100 करोड़ की विवादित जमीन पर एक करोड़ 20 लाख का खेल खेला था।बैप्टिस्ट चर्च की विवादित जमीन का निबंधन आरोपी के पक्ष में दर्ज कराने के एवज में एक करोड़ 20 लाख में सौदा तय हुआ था। इस प्रकरण का सबसे पहले अमर उजाला ने पर्दाफाश किया, जिसके बाद यह फर्जीवाड़ा परत दर परत उजागर होता चला गया।
इसी कड़ी में नटवरलाल (फर्जी तरीके से चर्च की जमीन बेचने में माहिर) के साथ मिलकर विवादित जमीन को बेचने की साजिश रची।इस खेल में सब कुछ ठीक चल रहा था। फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे और जमीन बेचने वाले फर्जी अधिकारी व खरीदार भी फर्जी पाए गए थे। इन लोगों ने एक सोची समझी साजिश के तहत तहसीलदार सहित पूरे चक्रव्यूह का निर्माण किया था। लेकिन समय रहते दिल्ली में बैठे बैपटिस्ट मिशनरियों के अधिकारियों को इसकी भनक लग गई। फिर क्या था मामला वहां पहुंचा तो प्रशासन ने भी आनन फानन में जांच बिठा दी। इसके बाद जब कार्ड खोले गए तो कई नामचीन लोगों के नाम भी इस अपराध की सूची में आने लगे। तहसीलदार, रजिस्ट्री लिपिक, विक्रेता, नंबरदार सहित खरीदार व अधिवक्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।
भिवानी के हांसी गेट पर 12342 वर्ग गज बेशकीमती जमीन बैप्टिस्ट चर्च मिशनरी की है। आज इस जमीन का बाजार मूल्य 100 करोड़ से अधिक है। साजिश के तहत इस जमीन को बेचने के लिए सतीश जार्ज नाम के व्यक्ति की ओर से एक करोड़ 72 लाख रुपए में विवादित जमीन का सौदा किया गया। इसमें जमीन खरीदार सोनीपत के पुट्टी निवासी जलजीत मलिक उर्फ आशीष ने पुलिस के सामने कबूल किया था कि वह विवादित जमीन विक्रेता सतीश जॉर्ज को भोपाल से फ्लाइट से यहां लेकर आया था।इस मामले में दो अन्य फर्जी गवाह भी बनाए गए थे। इसके जरिए फर्जी दस्तावेजों के सहारे विवादित जमीन को बेचने के लिए चक्रव्यूह रचा गया। सतीश जॉर्ज पूर्व में भी बैपटिस्ट चर्च की जमीन बेचने के कई मामलों में फंस चुका है। जिन पर मामले भी दर्ज हैं, इस मामले में राजेश उर्फ सरकार भी ऐसे मामलों का मास्टर माइंड बताया जा रहा है, जो अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
आर्थिक अपराध शाखा से स्टेट विजिलेंस ने एसआईटी को जांच सौंपी
बैप्टिस्ट चर्च विवादित जमीन मामले में बैपटिस्ट मिशनरी सोसायटी निगम की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में अक्टूबर माह में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।इसमें भिवानी तहसीलदार रवींद्र कुमार मलिक, खरीदार जलजीत मलिक, राजेश उर्फ सरकार, सज्जन वर्मा एडवोकेट, लियाकत अली खान, रोहित फोगाट, ओमबीर नंबरदार, विकास रजिस्ट्री क्लर्क के नाम शामिल थे।इसके बाद उपायुक्त ने 21 अक्टूबर को भिवानी तहसील के रजिस्ट्री क्लर्क विकास को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद मुख्य सचिव ने नवंबर में निवर्तमान तहसीलदार रविंद्र कुमार मलिक को निलंबित कर दिया था. भिवानी की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसके बाद अब मामला स्टेट विजिलेंस को सौंप दिया गया था। रोहतक के विजिलेंस डीएसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में स्टेट विजिलेंस की एसआईटी का गठन किया गया। सुमित कुमार ने आर्थिक अपराध शाखा द्वारा पूर्व में गिरफ्तार आरोपी जलजीत मलिक और कानूनगो सुमेर घनघस को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। इनका रिमांड शनिवार को पूरा होगा। विजिलेंस ने इन दोनों से पूछताछ की तो सारा खेल खुल गया। इसके बाद शुक्रवार दोपहर निवर्तमान तहसीलदार रविंद्र कुमार मलिक को राज्य सतर्कता एसआईटी ने भिवानी से गिरफ्तार कर लिया. अब इस मामले की जांच स्टेट विजिलेंस एसआईटी को सौंपी गई है। अब इस प्रकरण की विस्तृत जांच एसआईटी ही करेगी।
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कई दिग्गजों की निगाहें बेशकीमती जमीन पर टिकी हैं, साजिश अब तक नाकाम रही है
हांसी गेट स्थित बेशकीमती जमीन पर कई दिग्गजों की भी बुरी नजर है, लेकिन साजिश में अब तक नाकाम रहे हैं। बैपटिस्ट मिशनरी सोसायटीज का फर्जी अधिकारी बनकर जमीन बेचने का प्रयास करने वाला भी अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है, जबकि राजेश उर्फ सरकार के अलावा रजिस्ट्री क्लर्क को भी इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है।इस जमीन को पहले भी बेचने की नाकाम कोशिश हुई थी, लेकिन दस्तावेजों से छेड़छाड़ के चलते खेल बिगड़ गया।
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आर्थिक अपराधों की जांच को लेकर मामला स्टेट विजिलेंस के पास आया है। मेरे नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। इस मामले में तहसीलदार रविंद्र मलिक को गिरफ्तार कर न्यायालय से दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अभी तक यह बात सामने आई है कि इस मामले में रवींद्र मलिक ने एक करोड़ में सौदा तय किया था। अभी तक उसके पास से कुछ बरामद नहीं हुआ है, वहीं इस मामले में आरोपित जलजीत व सुमेर घनघास को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।अन्य आरोपितों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सुमित कुमार, एसआईटी प्रभारी व डीएसपी स्टेट विजिलेंस।