दिवाली वायु प्रदूषण: चंडीगढ़ से सटे पंचकुला में एक्यूआई 134 दर्ज किया गया। वहीं, मोहाली में इसका स्तर 180 था। हालांकि, ट्राइसिटी में प्रदूषण का उतना असर नहीं देखा जा रहा है, जितना कि दूसरे शहरों पर है। पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर शहर मंगलवार सुबह ऑरेंज जोन में रहे। यहां का प्रदूषण स्तर 200 से 250 के बीच है
Chandigarh-Panchkula-Mohali की हवा हुई जहरीली, रात 10 बजे के बाद भी चले पटाखे, Yellow Zone में पहुंचा AQI लेवल
चंडीगढ़। ट्राईसिटी में दिवाली पर खूब आतिशबाजी होती है। यहां तक कि रात 10 बजे के बाद लोगों ने पटाखे और आतिशबाजी भी की है. इसका असर यह हुआ कि ट्राईसिटी की हवा भी प्रदूषित हो गई है। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में दीपावली की अगली सुबह यानी मंगलवार को प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। प्रदूषण का स्तर सीधे ग्रीन से यलो जोन में पहुंच गया है
चंडीगढ़ से सटे पंचकुला में एक्यूआई 134 दर्ज किया गया। वहीं, मोहाली में इसका स्तर 180 था। हालांकि, ट्राइसिटी में प्रदूषण का उतना असर नहीं देखा जा रहा है, जितना कि दूसरे शहरों पर है। मंगलवार सुबह पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर शहर ऑरेंज जोन में रहे। यहां प्रदूषण का स्तर 200 से 250 के बीच है
अच्छी बात यह है कि दिवाली के बाद चंडीगढ़ में भी हालात इतने खराब नहीं हैं और चंडीगढ़ प्रशासन ने ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दे दी थी. हालांकि इस बीच कई पटाखे भी उच्च प्रदूषण से जलाए गए, जो ग्रीन कैटेगरी से बाहर है। दिवाली की रात को रात में सिर्फ दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की इजाजत थी, लेकिन शहर में शाम 6 बजे से 11 बजे के बाद से ही पटाखे जलाने शुरू हो गए. तब तक जलते रहें जब तक पटाखों के जलने की आवाज और जगह-जगह चिंगारी उठती रहे। इसमें प्रशासन ने क्या कार्रवाई की, इसकी रिपोर्ट अभी तैयार की जा रही है
पंजाब हरियाणा में जल रही पराली
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं अभी भी सामने आ रही हैं। लगातार पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ा है। किसानों पर पर्चे दर्ज कराने के बाद भी मामलों में कमी नहीं आई है। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है