गुरुग्राम: पत्नी से अवैध संबंध के शक में साले ने की थी जीजा की हत्या कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फलित शर्मा की अदालत ने बुधवार को अपने साले की हत्या के आरोपी देवर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।साथ ही 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। मामला 23 दिसंबर 2016 का है। मूल रूप से जींद निवासी बिजेंद्र गांव चकरपुर में किराए पर सुरक्षा गार्ड का काम करता था। उसने जींद में ही चंद्रलोक कॉलोनी निवासी संदीप कुमार की बहन मीनू से प्रेम विवाह किया था।
क्या था पूरा मामला?
संदीप बेंगलुरु में काम करता था। उसकी पत्नी किरण चंद्रलोक कॉलोनी में रहती थी। संदीप कुमार को शक था कि उसके जीजा के उसकी पत्नी के साथ अवैध संबंध हैं। इसी बात को लेकर उसकी अपने साले से रंजिश चल रही थी। उप जिलाधिकारी अनुराग हुड्डा ने बताया कि 23 दिसंबर 2016 को जब संदीप गांव चकरपुर में अपने साले के कमरे में पहुंचा तो उसकी पत्नी वहां मौजूद थी।इसके बाद कमरे में पड़ी कुल्हाड़ी से साले पर हमला कर दिया। कई बार हमला किए जाने से बिजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद अगले दिन 24 दिसंबर को वह बक्शा को पास के बाजार से खरीद लाया था। चाकू से शव के टुकड़े-टुकड़े करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं होने पर शव को पेटी में डाल दिया। संदूक में ही कुल्हाड़ी और चाकू रखकर दोनों कमरे में ताला लगाकर नेपाल भाग गए थे।
पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया
इसके बाद 19 जनवरी 2017 को संदीप ने पिता सहित सेक्टर-29 थाने में सरेंडर कर दिया। उन्होंने शव बरामद करवाया था। मीनू ने कोर्ट में अपने भाई के खिलाफ गवाही दी। बिजेंद्र के भाई ने भी गवाही दी। तमाम सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी ठहराया और सजा सुनाई। संदीप की पत्नी किरण को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। किरण पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।