हरियाणा: गुरुग्राम-पलवल समेत पांच शहरों में विकसित होगा सिटी फॉरेस्ट, दो करोड़ खर्च होंगे
नगर वन के जुलाई 2023 तक विकसित होने की उम्मीद है। गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। एफएसआई की रिपोर्ट 2021 के अनुसार जिले में 2.5 वर्ग किलोमीटर जंगल कम हो गया है
ग्लोबल वार्मिंग आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। इंसान ही नहीं बल्कि पृथ्वी पर मौजूद हर जीव इससे पीड़ित है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने हरियाणा में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से गुड़गांव, पलवल, फरीदाबाद, करनाल और पंचकूला सहित पांच जिलों में सिटी फॉरेस्ट तैयार करने की योजना बनाई है
इसका मुख्य लक्ष्य राज्य में वन क्षरण में सुधार करना है। योजना के जुलाई 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। एफएसआई की रिपोर्ट 2021 के अनुसार जिले में 2.5 वर्ग किलोमीटर जंगल कम हो गया है। इसी को देखते हुए केंद्र की यह योजना जिले के वातावरण के लिए संजीवनी साबित होने वाली है। इसके लिए जिले के घाटा गांव को चुना गया है, जहां वन विभाग करीब 40 हेक्टेयर क्षेत्र में योजना के तहत 15 हजार पेड़ और 7 हजार छोटे पौधे लगाने की तैयारी कर रहा है
2 करोड़ खर्च होंगे
ग्राम घाटा में यह शहरी वन तैयार किया जाना है। जमीन के एक बड़े हिस्से पर लोगों ने झुग्गी झोपड़ी बनाकर कब्जा कर लिया था, जिसे जुलाई माह में हटा दिया गया है। पांच माह पूर्व जून में वन विभाग की ओर से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट चंडीगढ़ भेजी जा चुकी है। राज्य सरकार से धनराशि प्राप्त होते ही नगर वन के लिये चिन्हित क्षेत्र की चारदीवारी का निर्माण करा दिया जायेगा. केंद्र की इस योजना के तहत विकसित वनों में देशी प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। जिले में विकसित होने वाले इस वन पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आने वाले 4-5 सालों में शहर में घना जंगल तैयार हो जाएगा। इसके जुलाई 2023 तक पूरा होने की संभावना है।
पर्यटन के लिए तैयार होंगे
इस 40 हेक्टेयर क्षेत्र के नगर वन को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे शहरवासियों को कांक्रीट के इस शहर में दो पल का सुकून मिल सकता है। इसके अलावा पशुओं के लिए पहले से मौजूद तालाबों की मरम्मत की जाएगी। साथ ही कुछ नए जलाशयों का भी निर्माण किया जाएगा। फरीदाबाद के अनुमंडल वन अधिकारी राजकुमार ने बताया कि सिटी फॉरेस्ट के लिए स्थल का चयन किया जा रहा है. जल्द ही क्षेत्र का चयन कर जंगल तैयार करने का काम शुरू किया जाएगा।