Haryana government ने चिटफंड कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, फर्जी योजनाओं के शिकार होते थे लोग
नए कानून के आने के बाद मनी सर्कुलेशन का कारोबार करने वाली कंपनियां, फर्म, लोग और कारोबारी संगठन राज्य में निवेश नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.
हरियाणा सरकार ने निर्दोष लोगों को फर्जी योजनाओं का शिकार होने से बचाने के लिए चिटफंड और मनी सर्कुलेशन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. नए कानून की अधिसूचना के बाद मनी सर्कुलेशन का कारोबार करने वाली कंपनियां, फर्म, लोग और कारोबारी संगठन राज्य में निवेश नहीं कर सकेंगे. यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. मंत्रि-परिषद ने हरियाणा धन प्रचार योजना (प्रतिबंध) अधिनियम, 2022 को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि ये नियम गजट अधिसूचना की तारीख से लागू होंगे। नए नियमों को लागू करने के लिए पुलिस विभाग भारतीय रिजर्व बैंक के अलावा राज्य, केंद्र और अन्य एजेंसियों से समन्वय स्थापित करेगा। मनी सर्कुलेशन योजनाओं से संबंधित मामलों को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। चित मुलायम और धन परिषद योजना (निषेध) अधिनियम, 1978 के तहत लोगों को ठगने का दोषी पाए जाने पर कंपनियों, फर्मों और व्यापारिक संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
गौरतलब है कि केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि देशभर में आज भी तमाम चिटफंड कंपनियां आम जनता को लालच देकर लूट का धंधा जारी रखे हुए हैं जिनपर नकेल कसी जाने की जरूरत है.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि चिटफंड कंपनियों का एक नेटवर्क है जो अभी भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है। गोल्डन फॉरेस्ट एलएस और फ्यूचर मेकर जैसी चिटफंड कंपनियों के मास्टरमाइंड घोटाले पिछले दिनों सामने आए हैं जहां निवेश के नाम पर हजारों लोगों को ठगा गया था