Kurukshetra अब NIT की डिग्री का ऑनलाइन सत्यापित

Kurukshetra अब NIT की डिग्री का ऑनलाइन सत्यापित

कुरुक्षेत्र। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में पढ़ने वाले छात्रों को दी जाने वाली डिग्रियों का अब ऑनलाइन सत्यापन होगा। न तो छात्र और न ही संस्थान को देश या विदेश में कहीं भी नौकरी के लिए अपनी डिग्री सत्यापित कराने का झंझट नहीं उठाना पड़ेगा। डिग्री की सत्यता की जांच नौकरी देने वाला विभाग और कंपनी ऑनलाइन कर सकेगी और यह पूरे विश्व में मान्य होगी। एनआईटी कुरुक्षेत्र यह प्रयोग करने वाला देश का पहला संस्थान है।
संस्थान में 29 नवंबर को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बीटेक से पीएचडी तक के 2856 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जानी है। इनमें से 140 छात्र आईआईआईटी सोनीपत के भी हैं। समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी, जो विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करेंगी। समारोह को बेहद खास बनाते हुए संस्थान ने पहली बार यह प्रयोग किया है कि राष्ट्रपति एक क्लिक पर एक साथ छात्रों को डिग्री देंगे

ऑनलाइन मोड पर डिग्री प्रदान करने से पहले प्रोजेक्टर के माध्यम से समारोह में ही विद्यार्थियों को इस नए प्रयोग के संबंध में गहन जानकारी दी जाएगी। हालांकि यह सॉफ्ट कॉपी होगी, जबकि हार्ड कॉपी अलग से उपलब्ध कराई जाएगी। संस्थान के अधिकारियों के अनुसार देश में पहली बार ऑनलाइन वेरिफाइड डिग्री अवार्ड का प्रयोग किया जा रहा है। यह मोड भविष्य में भी रखा जाएगा।
ब्लॉक चेन तकनीक को अपनाकर खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, ताकि ऑनलाइन सत्यापित डिग्री से छेड़छाड़ न हो सके। इससे डिग्रियां बेहद सुरक्षित रहेंगी। डिग्रियों को यह सुरक्षा कवच देने का काम संस्थान के पूर्व छात्र पवन खुराना ने भी किया है, जिन्होंने 2019 में Cert Onus के नाम से अपनी कंपनी खड़ी की है, जिसका हेडक्वार्टर भी न्यू जर्सी यूएसए में बनाया गया है. . इस कंपनी के माध्यम से ही संस्थान द्वारा जारी डिग्रियों को ऑनलाइन सुरक्षित मोड में रखने की जिम्मेदारी उठाई गई है। पवन खुराना 1995 में संस्थान से बीटेक पास आउट हैं। संवाद

डिग्री से नहीं होगी छेड़छाड़ : प्रो. विकास मित्तल
संस्थान के प्रो. एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विकास मित्तल का कहना है कि ऑनलाइन मोड में रखी जाने वाली और पहले से सत्यापित की जाने वाली डिग्रियां बेहद सुरक्षित होंगी. उनकी सुरक्षा के लिए जो तकनीक अपनाई गई है, उससे कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। ऐसे में किसी भी डिग्री के गलत इस्तेमाल की आशंका नहीं है।
राष्ट्रपति दूसरी बार दीक्षांत समारोह में आएंगे
संस्थान में दीक्षांत समारोह 29 नवंबर को दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा और दोपहर 3.30 बजे समाप्त होगा। राष्ट्रपति जहां मुख्य अतिथि होंगे वहीं राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल विशिष्ट अतिथि होंगे। समारोह की अध्यक्षता संस्थान की निदेशक प्रो. पत्नी रमना रेड्डी करेंगी। संस्थान के लिए यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इससे पहले साल 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे। हालांकि साल 2015 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी आ चुके हैं।

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