चंडीगढ़। हरियाणा सरकार जल्दी ई-टिकटिंग योजना को छह डिपो से शुरू करने जा रही है। परियोजना को लागू करने से पहले परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क वीरवार को अधिकारियों की बैठक लेंगे। साठ रूट पर परियोजना का ट्रायल सफल हो चुका है। सितंबर महीने की शुरूआत में नई व्यवस्था शुरू करने की पूरी तैयारी है।
ई-टिकटिंग परियोजना को छह डिपो से शुरू करने की तैयारी
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करनाल, फरीदाबाद, भिवानी, रोहतक और हिसार जिले के रोडवेज डिपो से ई-टिकटिंग शुरू की जाएगी। परिचालकों को टिकट काटने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ट्रायल के दौरान सामने आई दिक्कतें भी दूर कर दी हैं। डिपो में ई-टिकटिंग मशीनों को पहुंचाया जा चुका है। परिवहन विभाग की योजना है कि पायलट प्रोजेक्ट पूरी तरह से सफल रहता है, तो अक्तूबर महीने से पूरे प्रदेश में इस परियोजना को लागू कर दिया जाएगा।
ओपन लूप टिकटिंग प्रणाली से रोडवेज पूरी तरह से हाइटेक होगा। NCMC यानि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से बस, मेट्रो, मल्टीप्लेक्स का टिकट तो मिलेगा, ई-पार्किंग फीस भी दे सकेंगे। इस कार्ड को रुपे सिस्टम से जोड़ा गया है। ई-टिकटिंग के तहत कैशलेस और कैश के साथ भी टिकट मिलेगा। हरियाणा की तरह जिन अन्य प्रदेशों में ई-टिकटिंग शुरू हो चुकी है, वहां भी एनसीएमसी कार्ड मान्य होगा।
चंडीगढ़-दिल्ली, मनाली, सहारनपुर, देहरादून, रोहतक, भिवानी, हरिद्वार, कैथल, जयपुर, अंबाला कैंट, शिमला इत्यादि रूट पर दस से अधिक दिन तक लगातार ई-टिकटिंग का ट्रायल जुलाई महीने में किया गया है। ट्रायल के दौरान जो-जो दिक्कतें परिचालकों को आईं, उनका समाधान कर अंतिम रिपोर्ट तैयार की गई है। वीरवार को होने वाली बैठक में यह रिपोर्ट रखी जाएगी। बैठक में तय होगा कि छह डिपो में कौन सी तारीख से ई-टिकटिंग पूरी तरह से शुरू होगी। रोडवेज बसों में रियायती दरों और दो-चार हजार किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा करने वाली श्रेणियों को मशीन में सबसे ऊपर फीड किया गया है, ताकि टिकट काटने पर सूची में नीचे न जाना पड़ा।