दूसरे ऑक्सीजन प्लांट के लिए मशीन लगाने का काम गुरुवार को पहुंच गया है। अब कंपनी की टीम लगाने में जुटी है. करीब 15 दिनों में प्लांट का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद कंपनी की टीम अंतिम रिपोर्ट पीएमओ को सौंपेगी।
Hisar Civil Hospital में 15 दिन बाद चालू होगा Second oxygen प्लांट, 1.35 करोड़ की लागत आएगी
हिसार। सिविल अस्पताल में दूसरे ऑक्सीजन प्लांट के लिए गुरुवार को मशीन लग गई है। अब कंपनी की टीम लगाने में लगी है। करीब 15 दिनों में प्लांट का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद कंपनी की टीम फाइनल रिपोर्ट पीएमओ को सौंपेगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग प्लांट का उद्घाटन करेगा। इस प्लांट पर एक करोड़ 35 लाख रुपये की लागत आएगी।
परियोजना अभियंता हिमांशु शेखर ने बताया कि यह प्लांट हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम गाजियाबाद के तहत बनाया जा रहा है. इसका निर्माण सैम गैस प्रोजेक्ट्स कंपनी कर रही है। यह प्रेशर सेविंग एडॉप्सन (PSA) ऑक्सीजन प्लांट खुले में ऑक्सीजन उत्पादन का काम करेगा। अभी मशीनों के लिए केबल व सेटअप तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा अंबाला, पंचकुल में भी प्लांट चल रहे हैं।
यह संयंत्र प्रति मिनट 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा। बता दें कि इससे पहले भी सिविल अस्पताल में एक ऑक्सीजन बनाई जा चुकी है, जिसकी क्षमता 250 लीटर प्रति मिनट है. यह दूसरा ऑक्सीजन प्लांट मलेरिया विभाग में बनाया जा रहा है। इस प्लांट को बनाने की घोषणा कोविड काल की दूसरी लहर में की गई थी। अब प्लांट तैयार हो जाएगा।
आत्मनिर्भर बनेगा जिला अस्पताल
शहर का सिविल अस्पताल जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। ऑक्सीजन के दो प्लांट बन जाने से जिला अस्पताल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। आपात स्थिति में अस्पताल को निजी तौर पर बाहर से ऑक्सीजन खरीदने की जरूरत नहीं होगी।
100 सिलिंडर होगी क्षमता
इस आक्सीजन प्लांट की दिनभर में 100 आक्सीजन सिलिंडर उत्पादन करने की क्षमता होगी। सामान्य तौर पर अस्पताल में 25 से 30 सिलिंडर की खपत है। मगर कोविड काल में यह खपत 110 सिलिंडर तक बढ़ गई थी। पहले वाले आक्सीजन प्लांट की 30 से 35 सिलिंडर उत्पादन की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर सीएचसी व पीएसची को भी आक्सीजन सप्लाई की जा सकेगी।
ऐसे होगा उत्पादन
पहले कंप्रेसर खुले से हवा लेगा। यह हवा टैंक में जाएगी और ड्रायर में हवा को ठंडा करेगी। तब मशीन हवा से ऑक्सीजन और नाइट्रोजन को अलग करेगी। ऑक्सीजन बनाने के लिए नाइट्रोजन छोड़ देता है। यह टैंक में जमा होता रहेगा।