गिरती कांग्रेस को संभाल रही ‘SSS’, हो सकती है CM पद की दावेदार; हिमाचल की राजनीति की ताजा स्थिति
Himachal Pradesh Election: हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची को लेकर काम जारी है। इसी बीच पार्टी के अंदर ही बने समूह अपने-अपने वफादारों के लिए टिकट की जद्दोजहद में लगे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस वर्तमान में पार्टी छोड़ने वाले नेताओं और पार्टी के भीतर चल रहे खींचतान का खामियाजा भुगत रही है। कहा जा रहा है कि ऐसे में तीन बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में सामने आ रहा है. हालांकि अभी तक इस बारे में कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुक्खू इस समय बिखरती कांग्रेस की चुनाव समिति के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं।
कौन हैं सुखविंदर सुक्खू
नादौन से तीन बार विधायक रहे सुक्खू राज्य में कांग्रेस की चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की और बाद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने। कहा जा रहा है कि गढ़ कहे जाने वाले नादौन से सुक्खू का टिकट लगभग फिक्स है. 58 वर्षीय नेता को स्थानीय लोगों और पार्टी कैडर के बीच अच्छा समर्थन प्राप्त है।
चुनौतियां क्या हैं?
सुक्खू के सामने फिलहाल कांग्रेस में तनाव भी एक बड़ी चुनौती है. माना जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बाद से यह खींचतान और तेज हो गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि 2022 के चुनाव के दौरान राज्य में सीएम पद को लेकर तनाव बढ़ सकता है.
टिकट के लिए जोर आजमा रहे दिग्गज
हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची पर काम चल रहा है. इस बीच, पार्टी के भीतर बने समूह अपने-अपने वफादारों के लिए टिकट के लिए लड़ने में लगे हैं। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित चुनाव पूर्व बैठक के दो दिन बाद, राजनेता और टिकट के इच्छुक दिल्ली में इकट्ठा होने लगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सितंबर में हमीरपुर जिले के सुजानपुर में आयोजित रैली में शामिल नहीं हुईं. खबर है कि सिंह अपने वफादारों के नाम पर टिकट के लिए विचार नहीं किए जाने से भी नाराज हैं। साथ ही इसी नाराजगी को रैली से अनुपस्थित रहने का कारण भी माना जा रहा है.
इधर, विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री और सुक्खू भी लगातार अपने वफादारों के लिए टिकट पर जोर आजमा रहे हैं।
20 सीटों पर नहीं बन रही बात
खबरें हैं कि कांग्रेस राज्य की 20 सीटों पर सहमति बनाने में संघर्ष कर रही है। इनमें शिमला (शहरी), धर्मशाला, सुलाह, नूरपुर और शाहपुर, पछाड़, मंडी, भारमौर शामिल हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि बुधवार को सोनिया के दिल्ली लौटने के बाद केंद्रीय चुनाव समिति लंबित सीटों पर बड़ा फैसला ले सकती है। कांग्रेस की चुनाव समिति 14 अक्टूबर को लंबित क्षेत्रों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर बैठक कर सकती है।
तैयारियों में भाजपा निकली आगे
एक ओर जहां कांग्रेस राज्य में प्रियंका गांधी वाड्रा की 14 सितंबर को होने वाली रैली का इंतजार कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतरकर भारतीय जनता पार्टी को तैयारियों में बढ़त दिलाते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी ने 5 अक्टूबर को बिलासपुर में जनसभा की थी। वह 13 अक्टूबर को चंबा में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं।
बड़े नेता छोड़ रहे साथ
गुटबाजी की खबरों के बीच प्रदेश कांग्रेस नेताओं के दल-बदलने से भी परेशान नजर आ रही है। सितंबर के अंत में ही पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कांग्रेस को अलविदा कहने का फैसला कर लिया। उनका कहना था कि पार्टी को अकेले ही आगे बढ़ाने वाले वीरभद्र के निधन के बाद कांग्रेस जर्जर हो गई है, जिसके पास न तो नेतृत्व है और न ही विश्वसनियता है।
इससे पहले वरिष्ठ नेता और 5 बार के विधायक राम लाल ठाकुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष का पद छोड़चुके हैं। उनसे पहले पवन काजल और लखविंदर राणा ने भाजपा का रुख किया था। साथ ही पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं।