गुहला-चीका(कैथल)। कैथल में छटी एवं नोवीं पातशाही गुरुद्वारा साहि3ब चीका की कृषि भूमि में अचानक मिट्टी धंसने से एक बड़ा हादसा टल गया। मालूम रहे कि चीका में गुरुद्वारा के नाम काफी कृषि भूमि है, जिसे गुरुद्वारा की तरफ से हर साल आम लोगों को ठेके पर दिया जाता है और ठेका लेने की एवज में कुछ शर्तों के साथ अचानक होने वाले नुकसान की भरपाई की जिम्मेवारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ही होती है।
कैथल में भूस्खलन से मचा हड़कंप, पलभर में जमींदोज हुआ कमरा, सूचना मिलने पर भी नहीं पहुंचे अधिकारी
जानकारी के अनुसार जैसे ही जमीन धंसी तो संबंधित किसान ने गुरुद्वारा मुख्यालय को इसकी सूचना दी, जिसके बाद गुरुद्वारा की तरफ से कार्रवाई शुरू की गई। गुरुद्वारा के मैनेजर सरबजीत सिंह जम्मू ने बताया कि जिस समय धान के लगे एक खेत के सड़क किनारे के एक हिस्से में जमीन धंसी तो सौभाग्यवश वहां कोई नहीं था।
लेकिन जिस तरह से भूस्खलन के दौरान खेत में मौजूद करीब दस फुट ऊंचा व दस फुट चौड़ा कमरा जमीन में पूरा का पूरा धंस गया तो यदि घटना के दौरान कमरे में कोई किसान होता तो वह कमरे के साथ ही दफन हो जाना था, लेकिन यह भगवान की कृपा ही रही कि कमरा खाली था और घटना के समय कमरे में कृषि से सम्बन्धित कुछ सामान के अलावा कोई नहीं था, जिस कारण कोई अप्रिय घटना घटने से बच गई।
सूचना देने के बावजूद नहीं आया कोई अधिकारी
सरबजीत सिंह ने बताया कि जैसे ही मिट्टी धंसने की घटना घटी तो उन्होंने इसकी सूचना गुहला प्रशासन के अधिकारियों को दी, ताकि जमीन धंसने के कारण को जाना जा सके और उसके बाद धंसी जमीन को ठीक किया जा सके ताकि दोबारा ऐसी कोई घटना ना घटे। उन्होंने बताया कि सूचना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। गुरुद्वारे के मैनेजर सरबजीत सिंह जम्मू ने बताया कि जब लंबे इंतजार के बाद भी कोई अधिकारी वहां नहीं आया तो उन्होंने गुरुद्वारे के कार सेवकों से गड्ढा को पाटने का काम शुरू करवाया। उन्होंने बताया कि मिट्टी की कई ट्रालियां लाकर गड्ढे में गिराई जा रही हैं, ताकि गड्ढे को पूरी तरह भरा जा सके।